Friday, November 20, 2009

मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस

विकास और समृध्दि के लिये ईमानदारों की पूछपरख जरुरी1 नवम्बर,2009 से मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस मनाने की सरकारी गतिविधियां प्रारंभ हो गईं तथा राज्य के गठन के 54 वे वर्ष में प्रवेश के अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की जनता से आव्हान कर रहे हैं कि वे सरकार के साथ मिलकर राज्य के विकास एवं समृध्दि में सहायक बने। लेकिन सिर्फ समाज को जोडऩे के आव्हान से प्रगति हासिल नहीं की जा सकती है तथा इसके लिये आवश्यक है कि ईमानदारों लोगों की पूछपरख की जाये। दरअसल ये ईमानदार लोग ही संतुलन बनाकर रखते हैं तथा उनकी मेहनत एवं सही दिशा में चलने की लगन ही व्यवस्था को बनाये रखते हैं।ईमानदार लोगों को ढूंढा नहीं जाता बल्कि वे जीवन के हर क्षण में दिखते हैं तथा उनकी भूमिका का भी हर क्षेत्र में ऐहसास होता है। जरुरत ऐसे व्यक्तियों को महत्व देने तथा उनकी पूछपरख की होती है जिससे अन्य गैर-ईमानदार भी उन्हीं के नक्शे-कदमों पर चलें। परन्तु व्यवहारिक जीवन में हो यह रहा है कि जो मानवता को नहीं समझते हैं तथा अपने हितों को हर तरह के दबाव व बूराईयों को अपनाकर पूरा कर लेते हँै उन्हें ज्यादा तवज्जो दी जाती है। इस बात को नजरअंदाज किया जाता है कि सिर्फ ईमानदार लोगों और उनकी अनवरत कोशिशें से ही विकास एवं समृध्दि के द्वार खुल सकते हैं तथा वे राज्य एवं समासज की धरोहर होते हैं। ऐसी धरोहरों को सहेजने,समेटने एवं उन्हें महत्व देने की नितांत जरुरत है। एक बार इस पहल की गई तो फिर समाज के गैर ईमानदार लोग भी सही दिशा की ओर अग्रसर होने लगते हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधि न्यायपूर्ण एवं मानवता पूर्ण व्यवस्था के उत्तरदयी होते हैं। उन्हें ही सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने पर न केवल स्वयं ईमानदारी से कार्य करने चाहिये बल्कि ईमानदार लोगों को पहचानकर उन्हें अपेक्षित तवज्जो भी देना चाहिये।